उधम सिंह नगर जिले के पंतनगर के नगला क्षेत्र के निवासियों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। रुद्रपुर बाईपास से किच्छा तक सड़क चौड़ीकरण के चलते दोनों ओर रहने वाले लोगों को अपने घर उजड़ने का भय था, लेकिन शासन द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के बाद अब अतिक्रमण केवल सड़क के बीच से 50-50 फीट तक ही हटाया जाएगा। पहले यह दायरा लगभग 70 फीट तक था, जिससे कई पक्के निर्माण टूटने की आशंका थी।
शनिवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में समिति ने क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम में जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर, प्रभागीय वनाधिकारी और लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता भी शामिल रहे। समिति ने प्रभावित क्षेत्रों का गहन परीक्षण किया और पुराने अभिलेखों की भी जांच की।
उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में पिछले 50-60 वर्षों से लगभग 750 परिवार बसे हुए हैं। सड़क चौड़ीकरण को लेकर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लोगों को अतिक्रमण हटाने के नोटिस जारी किए गए थे, जिसके बाद स्थानीय निवासियों ने विरोध में धरना-प्रदर्शन भी किया था। लोगों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि नगर पालिका नगला की जमीन का स्वामित्व निर्धारित करने के लिए जांच की जा रही है। वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और तराई स्टेट फॉर्म ने जमीन पर अधिकार जताया है। कमिश्नर ने यह भी कहा कि पूर्व में लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए चालानों के आधार पर सड़क के दोनों ओर 50 फीट तक का क्षेत्र अतिक्रमण की श्रेणी में माना जाएगा।
यदि आवश्यकता पड़ी तो सर्वे ऑफ इंडिया से जमीन की सटीक माप के लिए सर्वे भी कराया जाएगा। फिलहाल, नए फैसले से कई ऐसे मकान जो पहले 70 फीट के दायरे में आ रहे थे और तोड़े जाने की कगार पर थे, अब सुरक्षित बच जाएंगे। यह निर्णय क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।