पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नैनीसैनी एयरपोर्ट के उच्चीकरण की प्रक्रिया को राज्य सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जिससे अब यहां से 72 सीटर विमान उड़ान भर सकेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद एयरपोर्ट को थ्री-सी श्रेणी में उच्चीकृत करने की दिशा में तेजी से कार्य शुरू हो गया है।
अब तक नैनीसैनी एयरपोर्ट टू-सी श्रेणी में था, जिसमें सीमित क्षमताओं के चलते बड़े विमान नहीं उड़ाए जा सकते थे। लेकिन अब इसके विस्तार और तकनीकी उन्नयन के बाद पिथौरागढ़ जिले को देश के हवाई नक्शे पर नई पहचान मिलने जा रही है।
AAI द्वारा पहले ही उच्चीकरण को लेकर सर्वे किया जा चुका है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी। सरकार की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद जिला प्रशासन ने भी तकनीकी सर्वे पूरा कर लिया है और अब विस्तारीकरण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
पिथौरागढ़ के डीएम विनोद गोस्वामी ने बताया कि नैनीसैनी एयरपोर्ट के उच्चीकरण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह पूरे जिले के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम साबित होगा।
हालांकि एयरपोर्ट के विस्तार में एक बड़ी चुनौती स्थानीय किसानों की जमीन है। एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में उपजाऊ कृषि भूमि है, जो बासमती धान सहित कई अन्य किस्मों की खेती के लिए जानी जाती है। पूर्व में भी भूमि अधिग्रहण को लेकर विरोध और आंदोलन हो चुके हैं। ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को राजी करना प्रशासन के लिए एक कठिन कार्य होगा।
एयरपोर्ट विस्तार के लिए जहां एक ओर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी, वहीं कई आसपास बने भवन भी इसकी जद में आएंगे, जिन्हें हटाने की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है। सर्वे कार्य चल रहा है और शीघ्र ही अधिग्रहण प्रक्रिया भी शुरू होगी।
नैनीसैनी एयरपोर्ट का उच्चीकरण पिथौरागढ़ जैसे सीमांत जिले के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। यह जिला चीन और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में हवाई कनेक्टिविटी से जहां सीमा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, वहीं मुनस्यारी, चौकोड़ी, पातालभुवनेश्वर और आदि कैलाश जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी नया जीवन मिलेगा।
डीएम विनोद गोस्वामी ने कहा, “नैनीसैनी एयरपोर्ट के उच्चीकरण को लेकर शासन से स्वीकृति मिलना जिले के लिए गर्व की बात है। विस्तारीकरण का प्रस्ताव जल्द तैयार कर भेजा जाएगा। इससे न सिर्फ पर्यटन को रफ्तार मिलेगी बल्कि क्षेत्र को एक नई पहचान भी मिलेगी।”