उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह मलबा, बोल्डर और भू-धंसाव के कारण आवागमन बाधित हो गया है। स्यानाचट्टी क्षेत्र में यमुना नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पानी मोटर पुल के ऊपर से बहने लगा, जिससे पुल खतरे की स्थिति में पहुंच गया है।
बारिश का पानी कई होटलों में इस कदर घुस गया कि वह एक ओर से आकर दूसरी ओर से निकल रहा है। कई होटलों की पहली मंजिलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। स्थानीय निवासी जयपाल सिंह रावत, नवदीप सिंह, बलदेव सिंह और शैलेन्द्र सिंह राणा ने बताया कि उन्होंने पूरी रात जागकर बिताई, क्योंकि पानी का बहाव किसी भी समय नुकसान पहुंचा सकता था।
फिलहाल बारिश थम चुकी है और मौसम साफ है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है। बदरीनाथ हाईवे पर पागलनाला, भनेरपाणी, नंदप्रयाग और गौचर के पास कमेड़ा क्षेत्र में भारी मलबा आने से सड़क अवरुद्ध हो गई है। हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, और तीर्थयात्री रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशासन द्वारा मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है और कुछ स्थानों पर आवाजाही शुरू भी हो गई है, लेकिन हिल साइड पर अब भी मलबा जमा है, जिससे किसी भी वक्त मार्ग दोबारा बंद हो सकता है। गुजरात से आए तीर्थयात्रियों ने बताया कि श्रीनगर से पीपलकोटी तक की दूरी तय करने में उन्हें 16 घंटे लग गए, क्योंकि बदरीनाथ मार्ग बेहद खतरनाक स्थिति में है।
इसके अलावा गौचर के पास कमेड़ा और सिमली-ग्वालदम-अल्मोड़ा हाईवे के नौली, मिंग गदेरा और काल जाबर जैसे क्षेत्रों में भी हाईवे पूरी तरह बंद है। लगातार बारिश के कारण पहाड़ दरक रहे हैं और सड़कों पर मलबे के बड़े-बड़े ढेर जमा हो गए हैं।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि प्रभावित सभी क्षेत्रों में मलबा हटाने और सड़कें खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द सामान्य यातायात बहाल किया जा सके।