उत्तराखंड पुलिस ने साइबर क्राइम के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 47.02 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी के शिकार लोगों का पैसा वापस कराया है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल और गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के सहयोग से की गई इस उपलब्धि से उत्तराखंड साइबर पुलिस ने खुद को देश के टॉप राज्यों में शामिल कर लिया है।
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस ने 500 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और सैकड़ों वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट और बैंक खाते ब्लॉक किए हैं। इसके अलावा, ‘ऑपरेशन प्रहार’ और ‘ऑपरेशन हेली’ जैसे अभियान के तहत भी देशभर में व्यापक कार्रवाई की गई है।
देहरादून साइबर थाना और उधम सिंह नगर पुलिस ने 2023-24 में 20 से ज्यादा राज्य व अंतरराज्यीय साइबर ठगी के मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया है। इनमें फेक ट्रेडिंग ऐप, फिशिंग लिंक, OTP फ्रॉड और UPI ठगी जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। बिहार, झारखंड और दिल्ली-एनसीआर से जुड़े अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ की ओर से जानकारी दी गई कि आरोपियों को चार्जशीट करने का प्रतिशत 87 फीसदी है, जबकि दोषसिद्धि दर 64.7 फीसदी तक पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत से कई गुना बेहतर है। इसके अलावा, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी एक अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया, जिसमें सिम बॉक्स और 12 स्थानीय कॉल सेंटर जब्त किए गए।
डीएससीआई ने 2024 में उत्तराखंड साइबर पुलिस को देश की शीर्ष तीन इकाइयों में शामिल किया है। पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, इसलिए अक्टूबर को साइबर अपराध जागरूकता माह घोषित किया जाएगा ताकि लोगों को इस विषय में जागरूक किया जा सके।
उत्तराखंड पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और पीड़ितों के पैसे वापस दिलाने के लिए काम कर रही है, जिससे राज्य में साइबर सुरक्षा का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है।