उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश ने कहर बरपाया है। राज्य के तीन जिलों में बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मची है। अब तक एक महिला की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग लापता हैं और कुछ घायल हुए हैं। प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
गुरुवार देर रात से शुरू हुई तेज बारिश शुक्रवार को भी जारी रही। चमोली जिले की तहसील देवाल के मोपाटा गांव में बादल फटने से कई घर मलबे में दब गए। जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, गांव निवासी तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हैं, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। इनका घर और गोशाला मलबे में दब गई है। साथ ही, 15 से 20 मवेशियों के भी दबे होने की सूचना है। प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हो गई है। भारी बारिश को देखते हुए चमोली जिले के सभी विकासखंडों में शुक्रवार को अवकाश घोषित किया गया।
देवाल में जगह-जगह सड़कों के टूटने से राहत कार्यों में बाधा आई है, लेकिन स्थानीय ग्रामीण राहत एवं बचाव कार्य में सक्रिय रूप से जुटे हैं। थराली, आदिबदरी और कर्णप्रयाग में भी भारी बारिश से लोग दहशत में हैं।
रुद्रप्रयाग जिले के स्यूर में एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ है और एक वाहन बहने की सूचना है। बड़ेथ, बगडधार और तालजामनी गांवों के पास गदेरे (छोटी नदियों) में पानी और मलबा आने से रास्ते बंद हो गए हैं।
टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी गुरुवार रात को बादल फटा। हालांकि, यहां कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन कृषि भूमि, पेयजल और विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं। राजस्व विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। कई जगह पैदल पुल और रास्ते भी टूट गए हैं।
प्राकृतिक आपदा के इस दौर में प्रशासन और ग्रामीण मिलकर राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन खराब मौसम और टूटी सड़कों के कारण मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।