नैनीताल में सांस्कृतिक विविधताओं से सजा 123वां नंदा देवी महोत्सव गुरुवार से प्रारंभ होने जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि इस वर्ष महोत्सव की अंतिम दिन होने वाली शोभायात्रा पहले से कहीं अधिक भव्य होगी। विशेष आकर्षण के तौर पर पिथौरागढ़ से आए कलाकार विभिन्न स्थानों पर पारंपरिक लखिया भूत का मंचन करेंगे, जबकि छोलिया नृत्य दल नौ दिनों तक लोक संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगे।
राम सेवक सभा की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि 28 अगस्त को सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। इसी दिन पारंपरिक परंपरा के तहत दल कदली वृक्ष लाने चोपड़ा गांव भी जाएगा।
नंदा-अष्टमी के अवसर पर हर साल होने वाला यह महोत्सव मां नंदा और सुनंदा की स्मृति एवं आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। मंदिर प्रांगण में केले के तनों से निर्मित प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा कर उन्हें दर्शन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और “हलवा” वितरण जैसे आयोजन इस दौरान सामुदायिक एकता और लोक संस्कृति की झलक पेश करेंगे। महोत्सव का समापन शोभायात्रा और मेले के साथ सितंबर मध्य में होगा।